आत्मा का रहस्य – मरने के बाद आत्मा का क्या होता है?

E4vu...PWG8
7 Jun 2022
10

लोगो का मानना है के आत्मा के वजय से हम जिन्दा है. आखिर आत्मा का रहस्य क्या है और मरने के बाद आत्मा का क्या होता है? यहाँ होगा इन सारे सवालो का खुलाशा.
ऊपर विषय को पढ़कर आपको पता चल गया होगा की आज हम किसकी बात करने वाले हैं. आज हम आत्मा से जुडी कुछ ऐसी बातें करेंगे जिसके बारे में अपने सायद ही कभी सुना या देखा हो.
ज्यादातर लोग आत्मा की बात सुनते ही घबरा जाते हैं उनहे लगता है की आत्माएं डरावनी होती हैं और लोगों को परेशान भी करती हैं. लेकिन हम जिस युग में जी रहे हैं इस युग के लोग आत्मा, भुत प्रेत, काला जादू जैसे चीजों पर विश्वास नहीं करते हैं.

उनके सामने अगर कोई आत्मा या भूतों के बारे में बात करते हैं तो वो सामने वाले व्यक्ति के ऊपर हस्ते हैं. आज मै यहाँ आपको भुत, प्रेत की कहानी तो नहीं सुनाने वाली हूँ लेकिन आत्मा से जुड़े कुछ बातें जरुर बताउंगी जिसे जानकर आपको यक़ीनन हैरानी होगी. 

उनके सामने अगर कोई आत्मा या भूतों के बारे में बात करते हैं तो वो सामने वाले व्यक्ति के ऊपर हस्ते हैं. आज मै यहाँ आपको भुत, प्रेत की कहानी तो नहीं सुनाने वाली हूँ लेकिन आत्मा से जुड़े कुछ बातें जरुर बताउंगी जिसे जानकर आपको यक़ीनन हैरानी होगी. 

दुनिया के हर इंसान के मन में कभी न कभी यह प्रश्न अवस्य उठता है की आखिर जीवन, मृत्यु और आत्मा का रहस्य क्या है. कुछ महानपुरुष और सिद्ध योगियों का कहना है की काल की तरह जीवन भी असीम और अनंत है. जीवन का न तो कभी प्रारंभ होता है और ना ही कभी अंत.
 

आत्मा एक प्रकाश पुंज है जो की परम्प्रकाश पुंज का अंश है. पुरे ब्रह्मांड ब्रह्म उर्जा से चालित है. जिसमे यह पूरी सृष्टि निहित है. इस ब्रह्म उर्जा का न कोई आदि न अंत है. इस अनंत उर्जा को हम परमात्मा कहते हैं. आत्मा इसी परमात्मा से निकली हुयी एक प्रकाश पुंज है.

परमब्रह्म उर्जा जब एक प्रकाश पुंज के रूप में निकल कर एक शरीर को धारण करती है तो वह आत्मा कहलाती है. जिस पल उर्जा एक आत्मा के रूप में शरीर को धारण करती है वही से उसकी अध्यात्मिक यात्रा शुरू हो जाती है. 

जब यह आत्मा परमात्मा रूपी उर्जा से निकल कर कई शरीरो से होते हुए वापिस परमात्मा से जाकर मिलती है तो आत्मा को मोक्ष की उपलब्धि होती है और उसकी अध्यात्मिक यात्रा का अंत हो जाता है.

वेदांत के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु होने का मतलब है की आत्मा ने शरीर को त्याग दिया है और नए शरीर की तलाश में चली गई है.

जिस शरीर से उसकी वासना, भोग और कामना की पूर्ति हो सकती है जब ऐसा शरीर मिल जाता है तो आत्मा पुनः शरीर में प्रवेश करके भौतिक जगत में अपनी नई पहचान के साथ चली आती है लेकिन यहाँ आत्मा की अपनी इच्छा नहीं चलती है उसे अपने पूर्व कर्मों के अनुसार कामना की पूर्ति के लिए उचित शरीर में प्रवेश मिलता है. 


Write & Read to Earn with BULB

Learn More

Enjoy this blog? Subscribe to rajatdhariwal0

2 Comments

B
No comments yet.
Most relevant comments are displayed, so some may have been filtered out.